चार्टर्ड एकाउंटेंसी का कैरियर, आज नहीं, बल्कि प्रारंभ से ही, एक सम्मानजनक कारोबार माना जाता है।
आज बहुत से चार्टर्ड एकाउन्टेंट निजी और सार्वजनिक प्रतिष्ठानों में लेखा-बही और आयकर बिक्री कर संबंधी सलाह के कार्य में अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
इस कार्य में पैसा और प्रतिष्ठा दोनों एक साथ कमाया जा सकता है।
अनिवार्य योग्यता
बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण होना या इसके समकक्ष योग्यता। साथ ही वाणिज्य (कामर्स) में एकाउंटिंग, आडिटिंग और व्यावसायिक कानून के प्रश्नपत्रों में 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक या गणित के साथ स्नातक भी इस पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं।
यह पहला पाठ्यक्रम कहलाता है। बारहवीं में पढ़ने वाले विद्यार्थी भी प्रवेश ले सकते हैं, लेकिन उन्हें छह महीने के भीतर बारहवीं का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना पड़ता है।
शुल्क और अवधि
आमतौर पर सी.ए. के लिए पाठ्यक्रम का शुल्क दो हजार रू. है और अवधि कम से कम दस महीने होती है।
इसके प्रवेश के लिए कभी भी पंजीकरण कराया जा सकता है लेकिन परीक्षा साल में दो बार मई और नवंबर में ही ली जाती है।
विषय:
1. फंडामेंटल्स ऑफ एकाउंटिंग
2. गणित तथा सांख्यिकी
3. बिजनेस कम्युनिकेशन
दूसरा पाठ्यक्रम
पहला पाठ्यक्रम उत्तीर्ण ही दूसरे पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं। साथ ही कामर्स स्नातक की डिग्री वाले ऐसे छात्र जिन्होंने एकाउंटेंसी, आडिटिंग और व्यावसायिक लॉ विषय के साथ 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हों या 60 प्रतिशत अंकों के साथ गणित स्नातक प्रवेश के पात्र हैं।
इसके अलावा कंपनी सचिव या कास्ट एड वर्कस एकाउंटेंसी के अंतिम वर्ष की परीक्षा दे चुके छात्र भी प्रवेश ले सकते हैं।
प्रबंधन सलाहकार
सी.ए. कार्य किसी कंपनी का आर्थिक प्रगति दिलाने के लिए उपयोगी सलाह देना भी होता है। इसलिए प्रायः हर कंपनी, अपने वित्तीय प्रबंधन के लिए एक कुशल सी.ए. को प्रबंधन सलाहकार के रूप में अनुबंधित करती है।
इसमें तरक्की होते-होते कोई सी. ए. किसी कंपनी का प्रबंध निदेशक, वित्त निदेशक या मुख्य लेखा अधिकारी भी बन सकता है।
देश में बहुत से संस्थान, राष्ट्रीय संस्थाओं की फ्रेंचाइसी लेकर अपने शहर में युवाओं को सी.ए. का प्रशिक्षण दिलाने में मदद कर सकते हैं।
इससे प्रारंभ से ही प्रतिष्ठा और सम्मान दोनों प्राप्त होता है। सी.ए. की परीक्षा में आमतौर पर बहुत कम विद्यार्थी एक ही प्रयास में सफल हो पाते हैं।
ऐसा नए विषयों के कारण होता है। लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए बल्कि दूसरे-तीसरे प्रयास के लिए मानसिक तैयारी करनी चाहिए।
क्योंकि विषय को समझते ही यह एकदम आसान मालूम पड़ता है। आप भी इसे अपना सकते हैं।
शुल्क और अवधि
इस दूसरे पाठ्यक्रम का शुल्क 2650 रू. है और अवधि कम से कम दस महीने है। इसके लिए पंजीकरण वर्ष भर में कभी भी कराया जा सकता है।
लेकिन परीक्षा साल में दो बार मई और नवंबर में ली जाती है। विषय ग्रुप एक में एकाउंटिंग, आडिटिंग, बिजनेस एंड कमर्शियल लॉ विषय शामिल है।
ग्रुप दो में कॉस्ट एकाउंटिंग और वित्त प्रबंधन इनकम टैक्स और सेल्स, सूचना तकनीक शामिल हैं।
अंतिम वर्ष
दूसरा पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने के बाद आर्टिकल क्लर्क के रूप में कार्य करने की मान्यता प्राप्त हो जाती है।
इस रूप में किसी चार्टर्ड एकाउंटेंट के साथ कार्य करने के बाद सैद्धांतिक और प्रायोगिक शिक्षा ग्रहण करनी पड़ती है।
आर्टिकलशिप के लिए योग्यताएं
कम से कम 18 वर्ष की उम्र हो। दूसरा पाठ्यक्रम उत्तीर्ण हो तथा कम्प्यूटर का प्रशिक्षण प्रोग्राम सफलतापूर्वक उत्तीर्ण हो।
अवधि और विषय
तीन वर्ष के भीतर ग्रुप एक और दो के विषयों को उत्तीर्ण करना आवश्यक है। ग्रुप एक में (1) एडवांस एकाउंटिंग (2) प्रबंधन एकाउंटिंग वित्त विश्लेषण (3) एडवांस आडिटिंग और (4) कार्पोरेट लॉ तथा कमर्शियल प्रैक्टिस है,
तथा ग्रुप दो में (1) कॉस्ट प्रबंधन, (2) प्रबंधन सूचना तथा कंट्रोल सिस्टम ( 3) प्रत्यक्ष कर और (4) अप्रत्यक्ष कर शामिल हैं।
पारिश्रमिक
आर्टिकल क्लर्क के रूप में मान्यता मिल जाने के बाद चार्टर्ड एकाउंटेंट रेगुलेशन के तहत सफल व्यक्ति को कुछ न कुछ मासिक पारिश्रमिक जरूर मिलता है। यह पारिश्रमिक हर वर्ष बढ़ता है।
रोजगार के अवसर
सी.ए. का पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद सफल व्यक्ति अपना स्वयंका कार्यालय शुरू कर सकता है या किसी सी.ए. की फर्म में भागीदार बन सकता है।
सी.ए. की जरूरत विभिन्न कंपनियों, बैंकों, स्टॉक ब्रोकरों या आयकरदाताओं का लेखा जोखा रखने के कार्यों में भी होती है।
अन्य संभावनाएं
चार्टर्ड एकाउंटेंट कू पढ़ाई करते समय कुछ युवा जब अन्य संबंधित विषयों की तरफ रूझान करने लगते हैं तो उन्हें एकाउंट के ही कुछ अन्य क्षेत्रों में भी कार्य की संभावना बढ़ जाती है। इनमें कॉस्ट एकाउंटेंसी और कंपनी सचिव के कार्य आकर्षक माने जाते हैं।
कॉस्ट एकाउंटेंसी
कॉस्ट एकाउंटेंसी की पढ़ाई के लिए इंस्ट्टीयूट आफ कॉस्ट एंड वर्क एकाउंट (आई. सी. डब्ल्यूए.) से प्रशिक्षण मिलता है।
जो युवा चार्टर्ड एकाउंटेट की पढ़ाई में बहुत मेहनत नहीं कर पाते वे आई.सी.डब्ल्यू.ए. से कॉस्ट एकाउंटेंसी सीखकर अपना कैरियर संवार सकते हैं।
इस क्षेत्र में तनख्वाह भी बहुत अच्छी मिलती है। आजकल प्रायः सभी छोटी-बड़ी कंपनियों में कॉस्ट एकाउंटेंट का पद जरूर होता है।
कंपनी सचिव
चार्टर्ड एकाउंटेंट की पढ़ाई के दौरान यदि किसी विद्यार्थी को कोई विषय रूचि के अनुरूप न लगे तो वह थोड़े बहुत परिवर्तन के साथ कंपनी सचिव का प्रशिक्षण ले सकता है।
हालांकि इसका पंजीयन बिल्कुल अलग होता है, लेकिन एकाउंट और कामर्स का ही क्षेत्र होने के कारण काफी हद तक समानता भी होती है।
बड़ी कंपनियों में कंपनी सचिव का काम काफी महत्वपूर्ण होता है। उनके लाभ-हानि का हिसाब लाखों-करोड़ों में होता है।
इसलिए एक अच्छे कंपनी सचिव की जिम्मेदारी होती है कि वह कंपनी की हानि को कम से कम रखे और कंपनी की वित्तीय स्थिति पर लगातार नजर रखे।
इन दोनों कार्यों का महत्व उदारीकरण के बाद बहुराष्ट्रीय कंपनियों में खासतौर पर बढ़ने लगा है।
अब कॉस्ट एकाउंटेंट और कंपनी सचिव के कार्य में पद वेतन और आकर्षक सुविधाएं भी मिलने लगी हैं।
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