किसी भी युवा के लिए डॉक्टर बनना एक सफल कैरियर की पहली सीढ़ी की तरह होता है। आज से करीब दो दशक पहले तक डॉक्टर बनने बनने के लिए केवल दो या तीन क्षेत्र हुआ करते थे।
इनमें ऐलोपैथी MBBS आयुर्वेदिक BAMS और • होम्योपैथी BHMS की प्रमुख विधाएं थीं। लेकिन अब ऐसे युवा भी डॉक्टर बनने का सपना पूरा कर सकते हैं जो इन तीन पाठ्यक्रमों में प्रवेश नहीं ले पाते।
पिछले कुछ वर्षों में फिजियोथैरापी, फार्मेसी और अल्टरनेटिव मेडीसिन जैसे नये मेडिकल पाठ्यक्रम शुरू हुए हैं। इनमें प्रवेश की प्रक्रिया भी आसान होती है। इसलिए जो युवा से की परीक्षा में अमन, डेन्टल या आयुर्वेदिक पाठ्यक्रमों में सफल नहीं हो पाते अब उनके पास भी डॉक्टर बनने के लिए सम्मानजनक विकल्प हैं।
एम. बी. बी. एस. ( MBBS )
यह पाठ्यक्रम प्री मेडिकल टेस्ट में मेरिट के आधार पर अधिक अंक प्राप्त करने वालों को मिलता है। इसमें साढ़े चार साल की पढ़ाई के बाद डेढ़ साल की इन्टर्नशिप किसी सरकारी अस्पताल में करनी पड़ती है।
एम.बी.बी.एस. की डिग्री हासिल करने वाले डॉक्टर जनरल फिजीशियन, आंख-नाक-कान गला विशेषज्ञ ENT, नेत्र विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ, स्त्री और प्रसूति विशेषज्ञ तथा हृदय रोग और अस्थिरोग विशेषज्ञ होते हैं।
इनके अलावा भी MBBS की पढ़ाई में कुछ अन्य विषय होते हैं, जो मस्तिष्क, लीवर, किडनी, और तंत्रिका तंत्र (न्यूरो) से संबंधित होते है। इस पढ़ाई के बाद विशेषज्ञ बनने के लिए मास्टर ऑफ सर्जरी MS या डॉक्टर ऑफ मेडीसिन MD की दो वर्ष की पढ़ाई रहती है।
सरकारी डॉक्टर बनने पर 30 से 35 हजार रू. की तनख्वाह मिलती है। इसके अलावा कुछ डाक्टर मिलकर अपना नर्सिंग होम भी शुरू कर सकते हैं। मेडिकल कॉलेजों में अध्यापन के लिए पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री का होना आवश्यक है।
बी. ए. एम. एस. ( BAMS )
ऐलोपैथी की तरह आयुर्वेदिक विधा में भी शरीर के अलग-अलग अंगों के अनुसार विशेषज्ञ बनने के लिए पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री की पढ़ाई दो वर्ष तक करनी पड़ती है। हालांकि स्नातक डिग्री की पढ़ाई के दौरान सभी विषयों की जानकारी दी जाती है।
इस पाठ्यक्रम में भी इंटर्नशिप ( प्रेक्टिकल) करना जरूरी होता है। सरकारी अस्पतालों में आयुर्वेदिक डॉक्टर की तनख्वाह 20 से 25 हजार रू. होती है। इसके अलावा वे अपनी क्लिनिक भी चला सकते हैं। पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री लेने वाले डॉक्टर आयुर्वेदिक कॉलेजों में अध्यापन भी कर सकते हैं।
बी. एच. एम. एस. ( BHMS )
भारत में होम्योपैथी बहुत अधिक लोकप्रिय है। अभी भी लंबी बीमारी के मरीज होम्योपैथी पर ज्यादा भरोसा करते हैं। की परीक्षा में होम्योपैथी शामिल नहीं है । इसलिए इसके स्नातक पाठ्यक्रम में विज्ञान विषय से बारहवीं पास करने वाला कोई भी विद्यार्थी प्रवेश ले सकता है।
होम्योपैथी डॉक्टर आमतौर पर अपनी क्लीनिक चलाकर मरीजों का इलाज करते हैं होमियोपैथी की पढ़ाई के लिए बहुत से निजी संस्थानों की सूचनाएं शिक्षा सत्र के आरंभ से पहले अखबारों में आती रहती है। इनकी जानकारी के आधार पर प्रवेश लिया जा सकता है।
फिजियोथैरापी
फिजियोथेरापी एक ऐसा नया विज्ञान है जिसमें शरीर के विभिन्न अंगों की कमजोरी और तकलीफ दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यायाम और अभ्यास कराये जाते हैं।
इसमें अलग-अलग मांसपेशियों के लिए विभिन्न प्रकार के उपकरण इस्तेमाल किए जाते हैं। फिजियोथैरेपी के स्नातक पाठ्यक्रम कोई भी बारहवीं पास विद्यार्थी प्रवेश ले सकता है।
इस पढ़ाई को पूरा करने के बाद सफल विद्यार्थी अपनी क्लीनिक चलाने के अलावा विभिन्न खेलों से जुड़कर फिजियोथेरापिस्ट के रूप में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति भी प्राप्त कर सकते हैं। इस विषय में अध्यापन का क्षेत्र भी एक अच्छा विकल्प है।
फार्मेसी
दवा बुकान चलाने के लिए फार्मेसी की पढ़ाई करना अब अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें स्नातक डिग्री लेने के लिए कोई भी बारहवीं पास विद्यार्थी प्रवेश ले सकता है।
फार्मेसी के विशेषज्ञों की इन दिनों लगातार आवश्यकता बढ़ती जा रही है। मेडिकल व्यवसाय में सफलता के साथ-साथ, फार्मेसी के विशेषज्ञ अध्यापन कार्य भी कर सकते हैं।
अल्टरनेटिव मेडिसिन
मेडिकल की कुछ अन्य विधाओं में अब एक्यूप्रेशर, रेकी, एक्यूपंक्चर, रंग चिकित्सा, प्राकृतिक चिकित्सा योग आदि विषयों का अध्ययन होता है।
बहुत से विद्यार्थी इन विषयों में भी बारहवीं के बाद सीधे प्रवेश लेकर अपना करियर संवार सकते हैं।
अब इन विधाओं की लोकप्रियता भी लगातार बढ़ती जा रही है, क्योंकि इसमें कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।
भारत के अनेक शहरों में अल्टरनेटिव मेडीसिन के संस्थान तेजी से बढ़ रहे हैं। इसमें सफल विद्यार्थी सम्मान के साथ आर्थिक कामयाबी भी प्राप्त कर सकते हैं।
मेडिकल में केन्द्रीय परीक्षाए
देश की कुछ बड़ी चिकित्सा संस्थाओं में प्रवेश के लिए सेंट्रल प्रि मेडिकल, टेस्ट ( CPMT ) आयोजित होती है। इसमें रैंक के आधार पर विभिन्न अखिल भारतीय चिकित्सा अनुसंधानों में प्रवेश मिलता है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( AIIMS ) सहित देश को ऐसे पचास से अधिक संस्थान है, जहां सीपीएमटी के आधार पर प्रवेश दिया जाता है ।
चिकित्सा की इलाज पद्धति के अलावा अनुसंधान के क्षेत्र में भी बहुत से अवसर हैं। इसमें अनुसंधान के लिए बहुत से संस्थान छात्रवृत्ति भी देते हैं।
रोजगार के विशेष अवसर
मेडिकल के सफल विद्यार्थी सेना में शार्ट सर्विस कमीशन के लिए भी प्रयास कर सकते हैं। इसमें उच्च स्तरीय तनख्वाह के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी मिलती है।
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सेना के कार्य की अवधि पूरी हो जाने के बाद देश-विदेश के किसी भी अन्य चिकित्सा संस्थान में कार्य करने के लिए विशेष आरक्षण और आयु सीमा में छूट का लाभ भी दिया जाता है
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जलने में पुरानी लकड़ी और पीने वाले के लिए
पुरानी शराब सब से अच्छी होती है,
विश्वसनीय व्यक्तियों में पुराने मित्र और
पठनीय पुस्तकों में बोधवाक्य सुभाषित
और प्राचीन ग्रन्थ सर्वोत्तम हैं ।