शिक्षा में कैरियर : सम्मानजनक आजीविका ! Career in Education: A Respectable Livelihood

जिस देश का राष्ट्रपति एक शिक्षक रहा हो, उस देश में शिक्षक की प्रतिष्ठा क्या होगी ? यह सहज ही कल्पना की जा सकती है। यह सच है कि आज शिक्षक की भूमिका बदल गई है, और इसी वजह से उसकी प्रतिष्ठा भी प्रभावित हुई है।


लेकिन यदि अच्छे और बुद्धिमान युवा इसे कैरियर बनाएं, तो एक बार फिर शिक्षकों का सम्मान स्थापित हो सकता है। सच तो यह है कि आज भी जो शिक्षक अपने विद्यार्थियों से आत्मीय संबंध रखते हैं और उन्हें सच्चे अर्थों में अपने विषयक ज्ञान देते हैं, उन्हें सम्मान जरूर मिलता है।



अवसरः

शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार, नौकरी और तरक्की के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। बस इतना ही चाहिए कि जिस पद के लिए आवेदन किया जाए, उसके अनुरूप योग्यता होनी चाहिए।

सामान्यतः स्नातक या स्नातकोत्तर उपाधि के साथ बी. एड. या डी. एड. पाठ्यक्रम का प्रमाण पत्र रहे, तो नौकरी मिलने में आसानी होती है।

चूंकि आबादी हर साल बढ़ रही है, इसलिए उसी अनुपात में शालाओं की आवश्यकता भी बढ़ रही है। इस आधार पर यह निश्चित ही कहा जा सकता है कि शिक्षकों के हजारों पद पर भर्ती के अवसर भी निरंतर आते रहेगे। 

योग्यता:

शाला स्तर पर पढ़ाने वाले शिक्षकों को अपने मूल विषय में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त होना चाहिए। इसके साथ ही बैचलर आफ एजुकेशन (बी.एड.) या. डिप्लोमा इन एजुकेशन (डी.एड.) का प्रमाण पत्र भी होना चाहिए। इन पाठ्यक्रमों से दस नंबर अतिरिक्त मिलते हैं।

इस कड़ी में यदि महाविद्यालयों में प्राध्यापक बनना हो तो उसके लिए 55% अंकों के साथ स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त हो, तथा आप राज्य स्तरीय योग्यता (स्लेट) या राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NTA) उत्तीर्ण होना चाहिए।

इसी तरह विद्यालयों में प्राचार्य बनने या किसी महाविद्यालय में प्राध्यापक से ऊपर, रीडर और प्रोफेसर बनना हो तो उम्मीदवार को पी. एच. डी. उपाधि प्राप्त होना चाहिए।

प्राचार्य एवं कुलपतिः

यदि किसी विद्यालय का प्राचार्य बनना हो तो विद्यार्थी को एम. एड. होना चाहिए। किसी महाविद्यालय का प्राचार्य बनने या विश्वविद्यालय का कुलपति बनने के लिए एक विशेष विषय में पी. एच. डी. की उपाधि प्राप्त होना चाहिए।

 पदोनति:

विद्यालय स्तर पर आजकल शिक्षाकर्मी के रूप में भर्ती होती है। तीन वर्षों के बाद नियमित होते ही सहायक शिक्षक बन सकते हैं। इसके बाद व्याख्याता और प्राचार्य की पदोन्नति निश्चित होती है। 

इसी तरह महाविद्यालय स्तर पर प्राध्यापक के रूप में भर्ती होने के बाद रीडर और प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति होती है। 

अध्यापन और शोध कार्य में विशेष अनुभव रखने वाले उम्मीदवार, समय आने पर कुलपति के पद पर भी नियुक्त हो सकते हैं।

वेतन और सुविधाएँ:

विद्यालय स्तर पर शिक्षाकर्मियों को साढ़े तीन हजार से साढ़े चार हजार रूपये के बीच वेतन अलग-अलग ग्रेड के अनुसार तय होता है। पदोन्नति के बाद शिक्षक और व्याख्याता तथा प्राचार्य के पद पर पहुंचते ही वेतन बारह हजार से बीस हजार रूपये तक हो सकती है।

इसी तरह महाविद्यालय में प्राध्यापक (व्याख्याता) का वेतन 18000 रूपये के आसपास होता है। रीडर को वेतन 25000 रूपये और प्रोफेसर का वेतन 35000 रूपये हो सकता है। इसी कड़ी में कुलपति का वेतन 40-50 हजार रूपये हो सकता है।

संभावनाः

आने वाले दिनों में शिक्षा में सूचना तकनीक का बहुत अधिक उपयोग होने वाला है। इसमें एन.सी.ई.आर.टी. और एफ.सी.ई.आर.टी. जैसी संस्थाओं सहित सभी शिक्षण संस्थाओं में नौकरी और रोजगार की संभावना प्रबल होने वाली है।


Teacher kaise bane in Hindi:



शिक्षक होना एक सम्मानजनक और मानवीय कार्य है जो समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिक्षक न केवल अपनी शिक्षा और व्यक्तित्व विकास करते हैं, बल्कि वे आने वाली पीढ़ियों को भी एक सक्षम नागरिक बनाने में मदद करते हैं। 

शिक्षक बनना भारत में बहुत पॉपुलर है और आज के समय में यह एक बड़ी संभावना है। यदि आप शिक्षक बनना चाहते हैं तो आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा।


उचित शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करें: 



शिक्षक बनने के लिए आपको उचित शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करनी होगी। आपको उच्च शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए जो शिक्षक बनने के लिए आवश्यक होती है। शिक्षा और शैक्षणिक योग्यता का स्तर उच्च होना चाहिए ताकि आप बच्चों को अच्छी तरह से समझा सकें।


टीचिंग के लिए उचित ट्रेनिंग प्राप्त करें: 


शिक्षक बनने के लिए आपको उचित टीचिंग ट्रेनिंग प्राप्त करनी होगी। 


यदि आप शिक्षक बनना चाहते हैं तो आपको अधिक चरणों का पालन करना होगा।

अनुभव प्राप्त करें: 


शिक्षक बनने से पहले अनुभव प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण है। आप किसी शिक्षा संस्थान में अस्तित्वात काम कर सकते हैं या शिक्षक के साथ सहयोग कर सकते हैं। यह आपको शिक्षण के प्रति अधिक जानकारी प्राप्त करने और शिक्षा में अधिक महार्ति प्राप्त करने में मदद करेगा।

स्कूलों और कॉलेजों में आवेदन करें: 



अगर आप शिक्षक बनना चाहते हैं तो आप स्कूलों और कॉलेजों में आवेदन कर सकते हैं। आपको संबंधित स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षक के पद के लिए आवेदन करना होगा। शिक्षा उद्यम की अधिक मांग होने से इस दौरान आपकी अधिक संभावनाएं हो सकती हैं।

उचित लाइसेंस प्राप्त करें: 



शिक्षक बनने के लिए आपको उचित लाइसेंस लेना होगा। शिक्षक बनने से पहले आपको उचित अध्ययन पूरा करना होगा ताकि आप शिक्षक बनने के लिए पात्र हों।


Teacher Banne Ke Fayde:


शिक्षक बनने के कई फायदे होते हैं। यहाँ कुछ ऐसे फायदे हैं जो शिक्षक बनने से प्राप्त हो सकते हैं:

समाज की सेवा: 



शिक्षक बनकर आप समाज की सेवा करते हैं। आप नई पीढ़ियों को संस्कार देते हैं और उन्हें समाज के लिए सही दिशा देते हैं। इससे आप समाज में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और समाज के विकास में अहम योगदान देते हैं।

स्वयं के विकास: 


शिक्षक बनने से आप अपने आप का विकास करते हैं। आप शिक्षण के माध्यम से अपनी ज्ञान और अनुभव को साझा करते हैं और दूसरों से सीखते हैं। इससे आपका स्वयं का विकास होता है और आप अपने दूसरों के साथ बेहतर संबंध बनाते हैं।

सम्मान: 


शिक्षक बनने से आप समाज में सम्मान की अपेक्षा होती है। शिक्षा का क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें लोगों की निर्भरता होती है। इस तरह की जबरदस्ती नहीं होती है और आपकी छात्राओं द्वारा आपकी सेवाओं की प्रशंसा होती है, तो आपको समाज में सम्मान मिलता है

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