जब से कम्प्यूटर का इस्तेमाल विभिन्न प्रशासनिक, औद्योगिक, वित्तीय और तकनीकी कार्यों में बढ़ा है तभी से यह एक सफल कैरियर का विकल्प बन गया है।
कम्प्यूटर के क्षेत्र में साधारण पाठ्यक्रम के तहत पीजी डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन (पीजीडीसीए) की पढ़ाई करके कोई भी रोजगार प्राप्त किया जा सकता है।
कम्प्यूटर ऑपरेटर के कार्य से प्रारंभ करते हुए कम्प्यूटर प्रोग्रामर तक तरक्की की जा सकती है।
पहले किसी भी कार्यालय में खाता बही का हिसाब रखने के लिए मुंशी या एकाउंटेंट हुआ करते थे, जिनके पास मोटी-मोटी फाइलें और खाता बही होती थी।
अब कार्यालयों में एकाउंटेंट तो हैं लेकिन फाइलों और खाता बही का स्थान कम्प्यूटर ने ले लिया है।
कम्प्यूटर पर ऐसे सॉफ्टवेयर भी बना लिए गए हैं जिनमें भविष्य निधि, आवक जावक, आय-व्यय और वेतन जैसे सभी खर्चों का विवरण आसानी से रखा जा सकता है।
टैली और एक्सेल सहित ऐसे अनेक साफ्टवेयर प्रोग्राम, कम्प्यूटर पर उपलब्ध हैं जिन्हें सीखकर कोई भी युवा अच्छा रोजगार प्राप्त कर सकता है।
पहले किसी भी कार्यालय में खाता बही का हिसाब रखने के लिए मुंशी या एकाउंटेंट हुआ करते थे, जिनके पास मोटी-मोटी फाइलें और खाता वही होती थी।
अब कार्यालयों में एकाउंटेंट तो हैं लेकिन फाइलों और खाता बही का स्थान कम्प्यूटर ने ले लिया है। कम्प्यूटर पर ऐसे सॉफ्टवेयर भी बना लिए गए हैं जिनमें भविष्य निधि, आवक-जावक, आय-व्यय और वेतन जैसे सभी खर्चों का विवरण आसानी से रखा जा सकता है।
प्रोग्रामर की भूमिका
कई बार बहुत से संस्थान अपनी जरूरतों के अनुसार भी नए साफ्टवेयर तैयार करवाते हैं। नए अक्षरों को तैयार करने में भी साफ्टवेयर की आवश्यकता होती है।
इसके अलावा कारखानों में विभिन्न कलपुर्जों के निर्माण और उनकी एसेम्बलिंग में भी कम्प्यूटर प्रोग्राम विशेष भूमिका निभाता है।
इन्हें तैयार करने और ठीक ढंग से संचालित करने के लिए कम्प्यूटर प्रोग्राम का पद प्रायः सभी तकनीकी संस्थाओं में अब एक महत्वपूर्ण अवसर बन गया है।
आवश्यक शिक्षा
कम्प्यूटर की शुरुवात यूं तो DCA & PGDCA डिप्लोमा पाठ्यक्रम से होती है। वैसे इसके ऊंचे स्तर की पढ़ाई बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) और मास्टर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) के माध्यम से होती है।
अब तो कम्प्यूटर की सूचना तकनीक की पढ़ाई के लिए इन्फरमेशन टेक्नालॉजी में बीई की डिग्री भी ली जा सकती है।
प्रवेश प्रक्रिया और शुल्क
पीजीडीसीए में प्रवेश स्नातक के बाद लिया जा सकता है। इसकी फीस सात हजार रूपये से दस हजार रूपये तक है।
वहीं मास्टर डिग्री (एमसीए) के लिए अलग संस्थाओं के अनुसार कुल चार सेमेस्टर की फीस लगभग बीस हजार रूपये।
बी.ई. (आई.टी.) के लिए प्रति सेमेस्टर 20 से 25 हजार रू. की फीस ली जाती है। बी.ई. एमसीए में प्रवेश मैरिट या परीक्षा के आधार पर होता है।
फीस में छूट
बहुत संस्थानों में विद्यार्थियों की योग्यता को देखते हुए उनके प्रतिशत के अनुसार स्कालरशिप या फीस माफी की सुविधा भी दी जाती है।
इसमें कुछ निजी कंपनियों की ओर से भी प्रस्ताव आते रहते हैं। स्कालरशिप डॉट कॉम पर इन सूचनाओं को देखा जा सकता है।
प्रतिष्ठित संस्थान
पीजीडीसीए के लिए देश भर में हजारों संस्थान हैं। इसी तरह बीसीए, एमसीए और बीई (आई.टी.) के लिए अनेक संस्थान हैं।
जो वर्ष में दो बार अपने यहां नए बैच में प्रवेश की सूचना अखबारों में प्रकाशित करते हैं।
अवसर
कम्प्यूटर प्रोग्रामर का कैरियर बहुत सफल माना जाता है। इसमें बुनियादी पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद समय-समय पर नए शार्ट टर्म कोर्स का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ही तरक्की के अवसर बढ़ जाते हैं।
इसके अलावा अपने संस्थान में ऐसे व्यक्तियों को प्रमुखता भी दी जाती है।
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Computer Operator Kaise Bane:
कंप्यूटर ऑपरेटर बनने के लिए आपको कुछ चरणों का पालन करना होगा। नीचे दिए गए चरणों की सहायता से आप कंप्यूटर ऑपरेटर बनने के बारे में जान सकते हैं:
कंप्यूटर का अध्ययन करें:
कंप्यूटर ऑपरेटर बनने से पहले, आपको कंप्यूटर की अच्छी तरह से समझना होगा। आपको नॉलेज होना चाहिए कि कंप्यूटर क्या है, इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है, और इसके अन्य संबंधित बिंदुओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
एक कंप्यूटर संस्था या व्यवसाय से प्रशिक्षण प्राप्त करें:
कंप्यूटर ऑपरेटर बनने के लिए, आपको एक संस्था या व्यवसाय से प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा। आप एक ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं या निकटतम कंप्यूटर संस्था में जाकर कंप्यूटर ऑपरेटर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।
विभिन्न कंप्यूटर एप्लिकेशन सीखें:
कंप्यूटर ऑपरेटर बनने के लिए, आपको विभिन्न कंप्यूटर एप्लिकेशन सीखना होगा।
ड प्रोसेसिंग, स्प्रेडशीट, इंटरनेट सहित अन्य एप्लिकेशन सीख सकते हैं। आप अपने अंतर्ज्ञान को बढ़ाने के लिए एक अच्छी कंप्यूटर बुक भी पढ़ सकते हैं।
अपनी कौशल को बढ़ाएं:
कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम करते समय, आपको अपनी कौशल को बढ़ाने की आवश्यकता होगी। आप अपनी समय-समय पर प्रैक्टिस करते रहना चाहिए ताकि आपके कंप्यूटर ऑपरेटर के कौशल विकसित हो सकें।
सर्टिफिकेशन प्राप्त करें:
कंप्यूटर ऑपरेटर बनने के लिए, आपको एक सर्टिफिकेशन प्राप्त करना होगा। इससे आपके कंप्यूटर ऑपरेटर के कौशलों का प्रमाण मिलेगा और इससे आपको कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में नौकरी के लिए लाभ हो सकता है।
नौकरी खोजें:
कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में नौकरी खोजने के लिए, आपको विभिन्न जॉब पोर्टल जैसे नौकरी ढूंढने की वेबसाइट और सोशल मीडिया जैसे लिंक्डइन का उपयोग करना होगा।
कंप्यूटर ऑपरेटर बनने के फायदे:
नौकरी के अवसर: आपको सरकारी विभाग, बैंक, प्राइवेट कंपनियों आदि में नौकरी के विकल्प मिलेंगे।
कौशल विकास:
आपको कंप्यूटर के अलावा अन्य नए सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी के बारे में भी जानकारी मिलेगी जिससे आपका कैरियर और सेलरी पैकेज दोनों बेहतर होगा।
लचीलापन:
आप अपने घर से कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी कर सकते हो जो आपको समय की बचत करने में मदद करेगी।
अच्छी सेलरी:
कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी में आपकी सेलरी बेहतर होती है।
कैरियर ग्रोथ:
आप अपने कैरियर में आगे बढ़ सकते हैं और उच्च स्तरों में प्रमोट हो सकते हैं।
समय प्रबंधन:
आपको समय प्रबंधन की कौशल विकसित होगी जो आपकी व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन दोनों में मदद करेगी।
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Career