Dandi Yatra in Hindi: दांडी यात्रा की पूरी कहानी

नमस्कार, मेरे प्यारे साथियों। आज हम एक ऐसी यात्रा की कहानी सुनाएंगे जो ना सिर्फ भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, पर ये हमें सिखाता है कि अहिंसा और दृढ़ संकल्प से किसी भी अत्याचार का सामना किया जा सकता है।


Dandi Yatra in Hindi: 


Dandi Yatra in Hindi



12 मार्च 1930 का दिन था। गुजरात के साबरमती आश्रम से एक अजीब सी यात्रा शुरू हुई। महात्मा गांधी की यात्रा का नेतृत्व कर रहे थे। उनके साथ 78 सत्याग्रही थे. और इस यात्रा का नाम था दांडी यात्रा.


सन् 1930 की बात है, नमक कानून के विरोध में, महात्मा गांधी ने एक ऐसी यात्रा का आह्वान किया, जो इतिहास के पन्नों पर अमर हो गया।



गांधीजी ने कहां था हम अंग्रेजों के नमक सत्याग्रह का विरोध करने जा रहे हैं। ये सत्याग्रह हमारे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।



सत्याग्रहियों ने भी जय हिंद का नारा लगाकर इस आंदोलन की शुरुआत की। 



12 मार्च को, साबरमती आश्रम से, गांधीजी और उनके 78 साथियों ने अपने कदम बढ़ाये। उनका लक्ष्य था, दांडी-एक छोटा सा गांव, जो गुजरात के किनारे बसा था। उनकी यात्रा का उपदेश था, नमक का कानून तोड़ना और भारतवासियों को अंग्रेजी शासन के खिलाफ़ एकजुट करना।




दांडी 380 किलोमीटर दूर था। गांधीजी और उनके सत्याग्रहियों ने ये पूरे 24 दिनों में तय की। यात्रा के दौरान, बहुत से लोग उनसे मिलने आए। गांधी जी का समर्थन किया और उनके साथ यात्रा में शामिल हुए।


हर कदम पर, लोग जुड़ गए। किसान, मजदूर, महिला, बच्चे - हर वर्ग के लोग। गांधी जी के अहिंसा विचार उनके दिल में घर कर गये। ये यात्रा सिर्फ एक मार्च नहीं थी, ये एक जन-जागरण था।


6 अप्रैल 1930 को, गांधीजी और उनके सत्याग्रही दांडी पहुंचे और उन्होंने समुद्र तट पर एक छोटी सी कोठी बनाई और वहां रहना शुरू कर दिया।


24 दिनों की यात्रा के बाद, गांधीजी जी ने समुद्र के किनारे जाकर, अपने हाथों से नमक उठाया। इस क्रिया ने ना सिर्फ साल्ट एक्ट को तोड़ दिया, बल्कि पूरी दुनिया को भारत के संघर्ष की गहनता से परिचित कराया।



गांधीजी ने भी सत्याग्रहियों को संबोधित करते हुए कहां अब समय आ गया है कि हम अंग्रेजों के नमक सत्याग्रह को तोड़कर उन्हें निश्चित रूप से हराना होगा। 


दांडी यात्रा भारत की स्वतंत्रता संग्राम में एक बहुत महत्पूर्ण घटना थी। इसने अंग्रेजों की सत्ता को कमजोर कर दिया और भारतीय लोगों ने स्वतंत्रता की भावना को मजबूत किया।


दांडी यात्रा ने देश को एकजुट किया। हर वर्ग, हर संप्रदाय के लोगों ने इसमें हिस्सा लिया। ये यात्रा ने देश को एक नई दिशा दिखाई, एक नई सोच दी, और स्वतंत्रता की लड़ाई को एक नई ऊर्जा प्रदान की।


तो आइए, हम सब मिलके इस यात्रा को याद करें, और अपने अंदर के 'गांधी' को जगाएं। क्योंकि जब तक हममें अहिंसा और सत्य की शक्ति है, तब तक कोई भी शक्ति हमें पराजित नहीं कर सकती।



निष्कर्ष:


दांडी यात्रा एक ऐसे आंदोलन की कहानी है जिसमें एक बहादुर नेता और उनके सत्याग्रहियों ने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई। उन्हें स्वतंत्रता के लिए अपनी जान भी दाव पर लगा दी। दांडी यात्रा एक ऐसी कहानी है जो हमें प्रेरित करती है और हम सिखाती है कि हमें सही के लिए हमेशा लड़ना चाहिए।

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