कृषि अधिकारी कैसे बनें ? कृषि में भी हैं आकर्षक करियर

गांवों के देश भारत में कृषि अधिकारी बनकर आप उज्ज्वल भविष्य तलाश सकते हैं। यह बैंकिंग सेवा से भी जुड़ा है, जिसे अपना कर आप देश की अर्थव्यवसथा में सुधार हेतु योगदान दे सकते हैं। 





कृषि सेवा में भविष्य की अपार संभावनाएँ हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट- बैंक ऑफ इंडिया सहित सभी बैंकिंग संस्थान बुवाओं को बड़े पैमाने पर कृषि से जुड़े कैरियर के अवसर देते हैं। 

भारत गाँवों का देश है।


रूरल फाइनेंसिंग को बढ़ावा न देने के कारण कृषि से उतना लाभ नहीं हो रहा है जितना कि होना चाहिए। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। 

कृषि अधिकारी बन कर आप देश की अर्थव्यवस्था सुधार में योगदान कर सकते हैं। इस प्रकार बैंकिंग सेवा में कृषि अधिकारी के रूप में एक आदर्श कैरियर बनाया जा सकता है। 



योग्यता ( Ability ) -


किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में स्नातक होना अनिवार्य है। कृषि / पशुपालन / पशुचिकित्सा विज्ञान / डेयरी विज्ञान / कृषि इंजीनियरिंग / कृषि विपणन जैसे विषय के स्नातक ही कृषि अधिकारी के लिये आवेदन कर सकते हैं।


इसके अलावा ग्रामीण प्रबंध संस्थान आणंद या किसी दूसरे मान्यता प्राप्त संस्थान से स्नातकोत्तर डिग्री या डिप्लोमा भी अपेक्षित है। कम्प्यूटर में दक्षता अब बैंकिंग सेवा के लिये अनिवार्य है।



आयु सीमा ( Age Range )  -



उम्मीदवार की उम्र 21 साल से कम और 30 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए 

आरक्षित वर्ग (एससी/एसटी/ओबीसी) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के अधिकारी, जम्मू-कश्मीर राज्य के निवासी, भूतपूर्व सैनिक व विकलांग उम्मीदवारों की ऊपरी आयु सीमा में नियमानुसार छूट दी जाती है।



चयन ( selection ) -



लिखित परीक्षा और इंटरव्यू से गुजर कर उम्मीदवार कृषि अधिकारी के योग्य बनता है। 

लिखित परीक्षा के लिये आमंत्रित उम्मीदवारों को वस्तुनिष्ठ तथा वर्णनात्मक दोनों ही प्रकार के पेपर्स का उत्तर देना होगा, ये पेपर्स हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होते हैं।



वर्णनात्मक परीक्षा-



इस परीक्षा में कृषि अधिकारी के लिये ज्ञान को आंकने के लिये उस की संज्ञानात्मक क्षमताओं और संचार में कुशलता की जाँच की जाती है। 


कुल 5 प्रश्नों में से 3 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य होता है। कुल समय मात्र 45 मिनट का रहता है इस पेपर में कुल 60 नम्बर होते है। 


उम्मीदवार ध्यान रखे कि वस्तुनिष्ठ प्रकार की परीक्षा में गलत उत्तरों के लिये निगेटिव नम्बर दिये जाते है। उम्मीदवारों को सभी परीक्षाएँ पास करनी जरूरी है।


योग्यता सूची तैयार करने के लिये तर्कक्षमता, परिमाणात्मक अभिव्यक्ति और सामान्य जागरूकता की परीक्षा में प्राप्त किये गए अंकों को ही गिना जाएगा। 


विवरणात्मक परीक्षा में उम्मीदवार को कम से कम 40 प्रतिशत (एससी/एसटी के लिये 35 प्रतिशत) अंक प्राप्त करने होंगे। 


विवरणात्मक परीक्षा में प्राप्त अंकों को मेरिट रेकिंग तैयार करने के लिए शामिल किया जाता है। 


सिर्फ उन्हीं उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिये बुलाया जाता है जो लिखित परीक्षा में योग्यता सूची के आधार पर पात्र होते हैं। 




इंटरव्यू ( interview ) -



लिखित परीक्षा में निर्धारित न्यूनतम अंक पाने वाले उम्मीदवारों को 1.3 के अनुपात में (एससी/एसटी के लिये 1:5) मैरिट रैकिंग में इंटरव्यू के लिये बुलाया जाता है। 


बैंकिंग संस्थान के संगठनात्मक ढाँचे व कार्यप्रणाली की आप को जानकारी होनी चाहिए।


इंटरव्यू में आप की हर बात में उत्साह व प्रेरणा की तलाश की जाती है। कृषि के विकास और ग्रामीण ऋण योजनाओं से संबंधित प्रश्नों का आपको सामना करना होता है। 


इसलिए इंटरव्यू से पहले अच्छी तैयारी करना जरूरी है। कृषि अधिकारी परीक्षा की तैयारी में सहायक महत्वपूर्ण पुस्तकें बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं।




वस्तुनिष्ठ  परीक्षा (  Examination) -



1. सामान्य जागरूकता की परीक्षा 50 प्रश्न / 50 अंक 2. परिमाणात्मक रुचि की परीक्षा 50 प्रश्न / 15 अंक


3. तार्किक क्षमता की परीक्षा 100 प्रश्न / 150 अंक


4. अंग्रेजी भाषा की परीक्षा 25 प्रश्न / 25 अंक




वेतन व उपलब्धियाँ ( salary and emoluments )



अंतिम रूप से चुने गये उम्मीदवार 2 वर्ष की अवधि तक प्रोबेशनरी पद पर कार्य करते हैं। इस दौरान उन्हें लगभग 15 हजार रू. का वेतन मिलता है। 

इसके अलावा उन्हें चिकित्सा सहायता, अवकाश किराया, रियायत सहित अन्य लाभ बैंक के नियमानुसार दिये जाते हैं।




Agriculture lekar kya ban sakte hai:



Farm Worker (खेत मजदूर):


फार्महैंड के रूप में प्राथमिक कर्तव्य के तौर पर खेत मजदूर किसानों और पशुपालकों की देखरेख में शारीरिक श्रम करते हैं। वे फसलों के काटने और निरीक्षण करने, सिंचाई प्रणाली में सहायता करने, खरपतवार और कीटों को नियंत्रित करने जैसे कार्य कर सकते हैं।



उर्वरक और कीटनाशक लगाकर फसलों को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ-साथ, वे पेशेवर पशुओं और ब्रांड के जानवरों के लिए चारा प्रदान कर सकते हैं और जानवरों की बीमारियों या अन्य समस्याओं के संकेतों का निरीक्षण भी कर सकते हैं।


कुछ खेत मजदूर पशुओं को चराने और कृषि मशीनरी और उपकरणों के संचालन में भी मदद करते हैं। खेत मजदूर अक्सर सामान्य कार्य करते हैं, लेकिन कुछ फसलों या पशुधन में विशेषज्ञ होते हैं।



Grower:



फसल उगाने का काम उत्पादकों का होता है जो अपनी बढ़ती हुई पर्यावरण की देखभाल करके फसल को स्वस्थ रखते हैं। उन्हें बीज बोना, खाद डालना और फसलों की सिंचाई करना पड़ता है, साथ ही शेड्यूल बनाकर उन्हें अधिकतम उपज हासिल करने की संभावना मिलती है।

कुछ उत्पादक नए प्रकार के बीज या नवीन उगाने के तरीकों का भी अनुसरण करते हैं। बहुत से उत्पादक किसी विशेष प्रकार की फसलों के विशेषज्ञ भी होते हैं, जैसे विरासती पौधे या पशु चारा।



Grain Elevator Operator:


अनाज लिफ्ट संचालक अनाज के भंडारण, शिपिंग और खरीदने में मदद करते हैं। वे आने वाले अनाज को डिलीवरी करते हैं, उन्हें सुरक्षित रखते हैं और उन्हें गुणवत्ता मानकों के अनुसार संभालते हैं।


वे आउटगोइंग शिपमेंट तैयार करने, अनाज सुखाने और विभिन्न प्रकारों को मिलाने में मदद करते हैं। अनाज लिफ्ट संचालक मूल्य निर्धारण और नमूने और निरीक्षणों के लिए प्रबंधन के साथ काम करते हैं।


उनकी सहायता से कुछ अनाज की बिक्री और विपणन योजनाओं में मदद मिलती है और वे नियामक निरीक्षण में भी मदद करते हैं।



Agricultural Equipment Technician:



कृषि उपकरण तकनीशियन मशीनों और उपकरणों का संरक्षण, स्थापना और मरम्मत करते हैं। वे निवारक कार्य भी करते हैं जैसे कि मशीनों के लिए ईंधन का भरना, बैटरी की तुलना और तेल बदलना। वे चलते हुए भागों की जांच भी करते हैं।



जब उन्हें कोई खराबी पता लगती है, तो वे इसका नैदानिक ​​परीक्षण करते हैं और जरूरत अनुसार मरम्मत करते हैं। कृषि उपकरण तकनीशियनों को मैनुअल पढ़ने, समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने के लिए कंप्यूटर का उपयोग करने की क्षमता होनी चाहिए। उन्हें दस्तावेज़ों को संभालने और मरम्मत करने की भी जानकारी होनी चाहिए।

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