अब से एक दशक पहले तक भारत में सरकारी क्षेत्र की कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड (एल आई सी) का बीमा क्षेत्र में एकाधिकार था, लेकिन निजीकरण की नीति के कारण अब अनेक निजी बीमा कंपनियों ने बेहतर सेवा का वादा करके अपना कारोबार शुरू किया है।
इस वजह से अचानक बीमा क्षेत्र में रोजगार, तरक्की और आमदनी तीनों बढ़ गए है। भारतीय जीवन बीमा निगम ने । सितम्बर 1956 को अपनी स्थापना से लेकर अब तक ही बीमा क्षेत्र में कार्य किया।
किन्तु अब निजी कंपनियों के साथ विदेशी कंपनियों ने संयुक्त कंपनी बनाकर बड़े पैमाने पर शिक्षा, स्वास्थ्य, यात्रा, वाहन और मकान आदि का बीमा शुरू किया है।
कार्य का क्षेत्र ( Area of Work )
बीमा में आमतौर पर जोखिम, दुर्घटना, मृत्यु और पेशन जैसे मामलों पर क्षतिपूर्ति राशि दी जाती है। इसके लिए बीमा कर्मचारी ग्राहकों को पालिसी खरीदने हेतु प्रेरित करते है। ग्राहकों द्वारा जमा की गई किश्त पर उन्हें कमीशन मिलता है। साथ ही वेतन भी मिलता है।
कार्य का विभाजन ( division of work )
बीमा क्षेत्र में अलग-अगल कार्यो के लिए अलग-अलग शाखाएं होती है।
1. प्रशासनिक शाखा
2. ग्राहक सेवा भुगतान शाखा
3. प्रबंधन शाखा
4. वित्तीय शाखा
5. पालिसी का नवीनीकरण और दावा / आपत्ति निराकरण शाखा ।
विकास अधिकारी ( Development Officer )
बीमा क्षेत्र में एजेंट या अभिकर्ता के रूप में कार्य प्रारंभ करके विकास अधिकारी या इससे ऊपर प्रथम क्षेणी अधिकारी के पद तक तरक्की हो सकती है। कई कंपनियांसीधे परीक्षा लेकर योग्य उम्मीदवारों को विकास अधिकारी रूप में भी नियुक्त करती हैं।
लेखा अधिकारी ( Accounting Officer )
बीमा कंपनियों ने चूंकि पूरा कार्य पैसे के लेन देन का होता है। इसलिए यहां पर लेखा अधिकारी की नियुक्ति भी की जाती है। इसका कार्य आवक-जावक और आय व्यय की निगरानी करण होता है।
निवेश अधिकारी ( investment officer )
इस अधिकारी की कार्य ग्राहकों को प्रेरित करना, नई योजनाओं की जानकारी देना और शिविर लगाकर नए लोगों को योजनाओं से परिचित करना होता है।
इसके अलावा निचली कड़ी में एजेंट, सुपरवाइजर और आय कर्मचारी भी बीमा योजनाओं के प्रचार-प्रसार में जुड़े रहते है।
शैक्षणिक योग्यता ( Educational Qualifications )
बीमा अभिकर्ता बनने के लिए कम से कम हायर सेकेंडरी परीक्षा पास होना आवश्यक है। वही, विकास अधिकारी वा अन्य समान पदों पर नियुक्त होने के लिए किसी भी विषय में स्नातक होना जरूरी है।
वैसे वाणिज्य ( कामर्स) विषय के साथ कम्प्यूटर की जानकारी होने से अतिरिक्त लाभ मिलता है।
निजी क्षेत्रों में अवसर ( opportunities in the private sector )
निजी क्षेत्रों में यदि कोई परीक्षा नहीं ली जाती तो पहले छह महीने तक परीविक्षा अवधि (प्रोवेशन) में रखा जाता है। इस अवधि में चार से पांच हजार रूपये की शिष्यवृत्ति (स्टाइपेन्ड) मिलती है।
परीविक्षा अवधि पूरा होते ही दस हजार रूपये वेतन और अन्य सुविधाएं मिलने लगती है। इसमें कार्य और क्षमता के अनुसार तरक्की की कोई सीमा नहीं है।
प्रशिक्षण ( Training )
स्नातक या हायर सेकेंडरी पास युवाओं के लिए समय-समय पर बीमा अभिकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वयं एल आई सी द्वारा संचालित होता है। इसी तरह विकास अधिकारी और अन्य पदों के लिए भी परीक्षा की सूचना अखबारों में प्रकाशित होती रहती है।
अब तो निजी क्षेत्रों में बीमा कंपनियों के आने से अवसरों के नए द्वार खुल गए हैं। इनमें अनुभवहीन (फ्रेशर) युवाओं को भी अवसर देकर योग्य बनाया जाता है।
वर्षों से शिक्षा एवं रोजगार व्यक्तित्व विकास सहित विभिन्न सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे हैं।
Insurance Agent Kaise Bane:
अगर आप एक इन्श्योरेंस एजेंट बनना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित कदमों का पालन करना होगा:
योग्यता:
आपको अपनी स्थानीय इन्श्योरेंस नियामक प्राधिकरण से पता करना होगा कि उनकी न्यूनतम योग्यता क्या है। अधिकांश राज्यों में, आपको दसवीं कक्षा की परीक्षा पास करने की आवश्यकता होती है। कुछ राज्यों में, एक बेचलर्स डिग्री की आवश्यकता भी होती है।
इन्श्योरेंस कंपनियों के बारे में जानें:
इन्श्योरेंस कंपनियों के बारे में जानें जो आप इन्श्योरेंस करने की सेवाएं देते हैं। आप अपने एरिया के इन्श्योरेंस एजेंट संघों या स्थानीय इन्श्योरेंस कंपनियों से इस बारे में जानकारी ले सकते हैं।
लाइसेंस के लिए आवेदन करें:
जब आप इन्श्योरेंस कंपनियों के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें, तो आप अपने राज्य के इन्श्योरेंस नियामक प्राधिकरण से इन्श्योरेंस एजेंट के लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं।
Insurance Agent Kaise Bane:
अगर आप एक इन्श्योरेंस एजेंट बनना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित कदमों का पालन करना होगा:
योग्यता:
आपको अपनी स्थानीय इन्श्योरेंस नियामक प्राधिकरण से पता करना होगा कि उनकी न्यूनतम योग्यता क्या है। अधिकांश राज्यों में, आपको दसवीं कक्षा की परीक्षा पास करने की आवश्यकता होती है। कुछ राज्यों में, एक बेचलर्स डिग्री की आवश्यकता भी होती है।
इन्श्योरेंस कंपनियों के बारे में जानें:
इन्श्योरेंस कंपनियों के बारे में जानें जो आप इन्श्योरेंस करने की सेवाएं देते हैं। आप अपने एरिया के इन्श्योरेंस एजेंट संघों या स्थानीय इन्श्योरेंस कंपनियों से इस बारे में जानकारी ले सकते हैं।
लाइसेंस के लिए आवेदन करें:
जब आप इन्श्योरेंस कंपनियों के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें, तो आप अपने राज्य के इन्श्योरेंस नियामक प्राधिकरण से इन्श्योरेंस एजेंट के लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं।
लाइसेंस परीक्षा:
आपको इन्श्योरेंस एजेंट बनने के लिए लाइसेंस परीक्षा देनी होगी। यह परीक्षा आपको आपके राज्य के इन्श्योरेंस नियामक प्राधिकरण द्वारा नियुक्त मौखिक और लिखित परीक्षा के माध्यम से दी जाती है।
नौकरी खोजें:
जब आप लाइसेंस प्राप्त कर लें, तो आप इन्श्योरेंस कंपनियों में नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं। आप इन्श्योरेंस कंपनियों की वेबसाइट या स्थानीय इन्श्योरेंस एजेंसियों में नौकरियों की तलाश कर सकते हैं। आप नौकरी पाने के लिए अपनी सेवाएं दिखा सकते हैं और उन्हें अपनी इन्श्योरेंस सेवाओं की बेहतर जानकारी दे सकते हैं।
विकास:
आप इन्श्योरेंस एजेंट के रूप में विकास कर सकते हैं और अपनी सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं। आप अपने ग्राहकों के साथ संबंध बनाए रख सकते हैं और उन्हें अपनी सेवाओं के बारे में अधिक जानकारी दे सकते हैं।
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Tags:
Career